इस नारे के पीछे के उद्देश्य:
यह नारा न सिर्फ गौ-संरक्षण को बढ़ावा देता है, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण और ग्राम स्वावलंबन की ओर एक मजबूत कदम है।
1. गौमाता की सेवा:
गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा प्राप्त है। इस नारे से हर गांव में गोमाता की सेवा और देखभाल सुनिश्चित होगी।
2. आवारा पशु समस्या का समाधान:
हर गांव में गोशाला होगी तो सड़कों पर बेसहारा घूम रही गायें सुरक्षित रहेंगी और ट्रैफिक व फसल नुकसान की समस्या भी कम होगी।
3. स्वदेशी व आत्मनिर्भर भारत:
गौमूत्र, गोबर से:
जैविक खेती
गोबर गैस
प्राकृतिक कीटनाशक
आयुर्वेदिक दवाइयां
सब कुछ स्वदेशी उत्पादों पर आधारित होगा।
4. ग्राम विकास और रोजगार:
हर गांव में गोशाला स्थापित करने से:
स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
युवाओं के लिए गो-सेवा एवं कृषि आधारित स्टार्टअप के अवसर बढ़ेंगे
📢 इसे एक जन आंदोलन बनाएं:
✅ ग्राम पंचायत प्रस्ताव पास कराएं
✅ जन-जागरूकता अभियान चलाएं
✅ सरकारी योजनाओं की सहायता लें
