जनवरी और फरवरी महीने में सब्जियों की बुवाई और देखभाल गाइड
जनवरी और फरवरी का समय सब्जियों की खेती के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है। इस मौसम में रबी और कुछ ग्रीष्मकालीन सब्जियों की बुवाई की जाती है। यहाँ इस मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों और उनकी देखभाल का विस्तृत विवरण दिया गया है।
सब्जी का नाम | मौसम | बुवाई का समय | मिट्टी की तैयारी | सिंचाई | खाद एवं उर्वरक | तुड़ाई का समय | |
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बैंगन | रबी/ग्रीष्म | जनवरी-फरवरी | दोमट मिट्टी | 10-12 दिन में एक बार | गोबर की खाद, नाइट्रोजन | 80-100 दिन बाद | |
मिर्च | रबी | जनवरी-फरवरी | अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी | 7-10 दिन में एक बार | नाइट्रोजन, फास्फोरस | 90-120 दिन बाद | |
गाजर | रबी | जनवरी तक | बलुई दोमट मिट्टी | 7-10 दिन में एक बार | जैविक खाद | 80-100 दिन बाद | |
मूली | रबी | जनवरी तक | दोमट मिट्टी | 7-10 दिन में एक बार | गोबर की खाद | 40-60 दिन बाद | |
पालक | रबी | जनवरी-फरवरी | कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी | 5-7 दिन में हल्की सिंचाई | नाइट्रोजन | 30-40 दिन बाद | |
टमाटर | रबी/ग्रीष्म | जनवरी-फरवरी | भुरभुरी, जैविक पदार्थ से भरपूर | 7-10 दिन में एक बार | नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश | 60-90 दिन बाद | |
धनिया | रबी/ग्रीष्म | जनवरी-फरवरी | उपजाऊ मिट्टी | 7-10 दिन में एक बार | जैविक खाद | 30-40 दिन बाद | |
लौकी | ग्रीष्म | फरवरी | उपजाऊ मिट्टी | 7-10 दिन में एक बार | जैविक खाद | 50-60 दिन बाद |
जनवरी और फरवरी में ध्यान रखने योग्य बातें
मिट्टी की जांच और तैयारी:
ठंड के बाद मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए जैविक खाद डालें।
खेत की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं।
जलवायु का ध्यान:
जनवरी में ठंड अधिक हो सकती है, इसलिए ठंड से बचाने के लिए सब्जियों को मल्चिंग से ढकें।
खाद और उर्वरक:
इस मौसम में फसलों को नाइट्रोजन की आवश्यकता अधिक होती है।
संतुलित मात्रा में फास्फोरस और पोटाश का उपयोग करें।
सिंचाई प्रबंधन:
अत्यधिक ठंड में सिंचाई कम करें।
फरवरी के अंत में तापमान बढ़ने पर सिंचाई बढ़ाएं।
रोग और कीट प्रबंधन:
पौधों पर पाले का असर रोकने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
नियमित निरीक्षण करें और रोगग्रस्त पौधों को हटाएं।
विशेष सुझाव:
जल प्रबंधन: सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत में सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।
मौसमी सब्जियां चुनें: इस मौसम की मांग के अनुसार फसल का चयन करें।
तुरंत तुड़ाई: फसल तैयार होने पर समय पर तुड़ाई करें ताकि उत्पाद की गुणवत्ता बनी रहे।
जल प्रबंधन: सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत में सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।
मौसमी सब्जियां चुनें: इस मौसम की मांग के अनुसार फसल का चयन करें।
तुरंत तुड़ाई: फसल तैयार होने पर समय पर तुड़ाई करें ताकि उत्पाद की गुणवत्ता बनी रहे।