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Showing posts from March, 2022

देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड, ये वही लोग थे, जिन पर ख्वाजा चिश्ती दरगाह की देखरेख की जिम्मेदारी थी।

 देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड, जिसका कोर्ट ने फैसला अब सुनाया                    फैसला ये है कि 250 बलात्कार की सजा 10 साल। ये रेप केवल हिंदू लड़कियों से हुआ था, मुस्लिम लड़कियों से नहीं।                सन् 1992 लगभग 25 साल पहले सोफिया गर्ल्स स्कूल अजमेर की लगभग 250 से ज्यादा हिन्दू लडकियों का रेप जिन्हें लव जिहाद/प्रेमजाल में फंसा कर,न केवल सामूहिक बलात्कार किया                बल्कि हर लड़की का रेप कर उसकी फ्रेंड/भाभी/बहन आदि को लाने को कहा, एक पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया जिसमें पीड़ितों की न्यूड तस्वीरें लेकर उनका व्यावसायिक रूप से प्रयोग भी किया गया।              फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती, इस बलात्कार कांड के मुख्य आरोपी थे जो कांग्रेस के कद्दावर नेता भी थे।                 ये वही लोग थे, जिन पर ख्वाजा चिश्ती दरगाह की देखरेख की जिम्मेदारी थी। ये वही लोग थे, जो ख़ुद को चिश्ती का वंशज मानते हैं। उन पर हाथ डालने से पहले प्रशासन को भी सोचना पड़ता। अंदरखाने में बाबुओं को ये बातें पता होने के बावजूद इस पर पर्दा पड़ा रहा।  फारूक चिश्ती ने सोफिया गर्ल्स स्कूल की 1 हिन्दू लड़की क

जिस्म के भूखो से दूर ही रहे लड़का हो या लड़की प्यार जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम ना करे

  लड़के ने नम्बर मांगा आप ने दे दिया...  लड़के ने तस्वीर मांगी आप ने दे दी... लड़के ने वीडियो कॉल के लिए कहा आप ने कर ली... लड़के ने दुपट्टा हटाने को कहा आप ने हटा दिया... लड़के ने कुछ देखने की ख्वाहिश की आप ने पूरी कर दी... लड़के ने मिलने को कहा आप माँ बाप को धोखा देकर आशिक़ से मिलने पहुंच गयीं... लड़के ने बाग में बैठ कर आप की तारीफ़ करते हुए आपको सरसब्ज़ बाग दिखाए आपने देख लिये... फिर जूस कार्नर पर जूस पीते वक़्त लड़के ने हाथ लगाया, इशारे किये, मगर कोई बात नहीं अब नया ज़माना है यह सब तो चलता ही है... फिर लड़के ने होटल में कमरा लेने की बात की, आप ने शर्माते हुए इंकार कर दिया, कि शादी से पहले यह सब अच्छा तो नहीं लगता न... फिर दो तीन बार कहने पर आप तैयार हो गयीं होटल के कमरे में जाने के लिए... आप दोनों ने मिल कर खूब एंजॉय किया... अंडरस्टेंडिंग के नाम पर दुल्हा दुल्हन बन गए बस बच्चा पैदा न हो इस पर ध्यान दिया... फिर एक दिन झगड़ा हुआ और सब खत्म क्योंकि हराम रिश्तों का अंजाम कुछ ऐसा ही होता है... लेकिन लेकिन... यहां सरासर मर्द गलत नहीं है, वह भेड़िया है, वह मुजरिम है, वह सबकुछ है... क्योंक

Children that live in village usually play traditional games

 Children life in village

Minty Tomato Juice

  Minty Tomato Juice Ingredients 4 juicy ripe tomatoes 1 tbsp mint leaves 1/4 tsp oregano powder 1 tsp salt 3/4 tsp pepper powder 1 tbsp sugar 4-5 cubes of ice 3-4 mint leaves for garnish Method Quarter the tomatoes. Remove seeds with a small spoon. Keep aside. In a blender, blend together all ingredients with 1 1/2 glasses Chilled water and crushed ice. Strain with a not-too-fine strainer. Pour into glasses and add some of the seeds back. Stir and serve chilled. Garnish with a small tiny spring of mint.

Grilled Tomato Pickups

Ingredients 3 tomatoes 2 capsicums 2 onions 200 gms. paneer 1 green chilli, finely chopped 1 garlic crushed 1 tsp. olive oil 1 tsp. assorted dried herbs, crushed (basil, thyme, rosemary, mint, etc) 1 tsp. lemon juice 1 tsp. sugar ground 1/2 tsp. soya sauce salt to taste 1/2 cup grated cheese Method Slit each tomato carefully, making a vertical incision. Scoop out inside seeds and pulp, mash it well, keep aside. Keep aside shell carefully. Put olive oil, lemon juice, soya sauce, sugar,salt in a bottle with fitting lid. Add herbs, garlic, chilli, tomato seeds and pulp, 2 tbsp water, close lid, shake well. Keep marinade aside till required. Chop capsicum, tomato shell, onions and paneer into similar sized chunks. Put each in a separate bowl, add one fourth of prepared marinade. Gently coat pieces with marinade by tossing or with hand. Allow to marinate for about 30 minutes. Grill each of the marinated ingredients for 2-3 minutes under a hot grill. Toss together in a large bowl, sprinkle g

Tomato Sandwiches

 Ingredients 1 tomato, finely chopped 1 capsicum, finely chopped 1/4 cup grated cheese salt as per taste pepper powder as per taste 2 tsp green chutney or 1 green chillies, chopped finely 6 slices of brown bread butter Method Mix all the ingredients except bread and butter Make 3 parts of the mixture Apply butter to the bread Put the 3 portions of mixture on the three slices of bread Place the other slices of top of these Grill in a pre-heated oven (sandwich toaster may also be used). Remove when golden brown

Potato (Aloo) Tikki

 Ingredients For crust: 7-8 potatoes boiled, peeled, mashed 1/2 tsp. turmeric powder 3 green chillies grouned 1/2 tsp. punjabi garam masala 1/2 cup bread crumbs salt to taste For filling: 1 cup channa dal cooked & drained 1 tsp. ginger grated 1 tsp. garlic grated 3 green chillies finely chopped 1/2 tsp. cuminseed powder 1 tsbp. coriander salt to taste oil for shallow frying Method Take a tbspful of potato mixture, spread on palm. Place a tspful of dal mixture in centre. Roll so as to keep dal mixture inside and potato out. Press gently into rounded flattish patties. Shallow fry on a griddle, drizzling oil to crispen crust. Serve hot with tamarind chutney and green chutney. or with tomato ketchup. For Crust: Mix all ingredients together thouroughly. Keep aside. For Filling: Mash cooked dal coarsely with hands. Mix in all other ingredients.

रानी कर्णावती चित्तौड़गढ़ की एक महान रानी और शासक थी। भारत की ऐसी बहादुर वीरांगनाओं को शत् शत् नमन्।

  कर्णावती एक ऐसी रानी थी जिनकी चर्चा आज भी इतिहास के पन्नों में की जाती है। वह चित्तौड़गढ़ की एक महान रानी और शासक थी। रानी कर्णावती की राणा संग्राम सिंह से शादी हुई थी। जिन्हें मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ के सिसोदिया वंश के राणा सांगा के नाम से जाना जाता था।  रानी कर्णावती अपने बलिदान के लिए जानी जाने वाली उन बहादुर रानियों में से एक है, जिन्होंने अपनी जान तो दे दी लेकिन दुश्मन के सामने अपने घुटने नहीं टेके। कर्णावती चित्तौड़ के राजा राणा सांगा की पत्नी थी। 1526 में मुगल बादशाह बाबर ने दिल्ली पर अपना कब्जा कर लिया था। जिसके चलते मेवाड़ के राजा राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ राजपूत शासकों का एक दल चलाया था। जिसके बाद खानुआ की लड़ाई में राणा सांगा की पराजय हो गई थी इस युद्ध में इन्हें काफी गहरे घाव लगे थे जिसकी वजह से इनकी कुछ दिनों में मृत्यु हो गई थी। रानी कर्णावती के दो बेटे थे जिनका नाम राणा उदय सिंह और राणा विक्रमादित्य था। राजा राणा सांगा की मृत्यु के बाद रानी ने अपने बड़े विक्रमादित्य को राज गद्दी पर बैठाया लेकिन पूरा राज्यभार संभालने के लिए इस राजा की उम्र काफी छोटी थी। इसी बीच गुजर

समय और भाग्य अगर आपके साथ नही हैं तो आपकी कीमत दो कौड़ी की है।

  राजेश खन्ना सुपर स्टार थे। शूटिंग के बाद रात तीन बजे तक स्कोच पीते थे। चार बजे खाना खाते थे। शूटिंग होती थी सुबह दस बजे, पहुंचते थे शाम चार बजे। एक दिन एक बहुत स्वाभिमानी निर्माता ने कहा, काका घड़ी देख रहो हो । घमंड से चूर काका ने कहा, हम नहीं, घड़ी हमारा टाइम देखती हैं। निर्देशक ने बिना शूटिंग किए पैकअप किया और बोले जो वक्त की इज्ज़त नहीं करता, वक्त उन्हें सबक सिखा देता है। एक समय ऐसा भी आया जब काका के पास वक़्त ही वक़्त था। ना फिल्में थीं, न शूटिंग थी, ना बीवी थी, ना बच्चे थे और न ही पैक अप कहने वाला। चमचों के साथ अपनी पुरानी फिल्मों को देख कभी खुश होते तो कभी रोते रहते थे। सभी साथ छोड़ गए। अकेले पीकर और खाना खाकर लुढ़क जाना ही उनका रुटीन बन गया था और बाकी की कहानी सब जानते हैं। और जिस फिल्म को उन्होंने ठुकराया था वो फिल्म जंजीर थी और उसका नायक आज महानायक है वक़्त सबका आता है लेकिन हमेशा के लिये नहीं। समय और भाग्य अगर आपके साथ नही हैं तो आपकी कीमत दो कौड़ी की है। हो सकता है कर्म और पुरुषार्थ की भी कोई महत्ता हो लेकिन कर्म करने के लिए आप जिंदा भी रहेंगे या नहीं यह आपका भाग्य तय करता है, आपका

मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !

 पल्लू आज की पीढ़ी जानती है क्या ??? नहीं , तो सुनो ....     माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी  छवि प्रदान करने के लिए था.   इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को     चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को        पकड़ने के काम भी आता था.         पल्लू की बात ही निराली थी.            पल्लू पर तो बहुत कुछ               लिखा जा सकता है.  पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,     गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी            इस्तेमाल किया जाता था.    माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए            तौलिया के रूप में भी            इस्तेमाल कर लेती थी.          खाना खाने के बाद       पल्लू से  मुँह साफ करने का        अपना ही आनंद होता था.       कभी आँख में दर्द होने पर ...     माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,        फूँक मारकर, गरम करके          आँख में लगा देतीं थी,    दर्द उसी समय गायब हो जाता था. माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए     उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू         चादर का काम करता था.      जब भी कोई अंजान घर पर आता,            तो बच्चा उसको    माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.    जब भी बच्चे क

अपने जीवन को शुभ उद्देश्यों और शुभ संकल्पों के लिए तैयार करो।

पूरे दिन दूसरों की कमियों की स्वभाव की चर्चा करते-करते हम अपने समय का तो अपव्यय करते ही हैं इससे हमारी स्वयं की संकल्प शक्ति भी कमजोर हो जाती है। गलत आचरण वाले लोगों की चर्चा करते-करते मन भी यह धारणा निर्मित कर लेता है कि दुनिया ख़राब लोगों से भरी पड़ी है वो भी असत मार्ग पर चले।            अपने जीवन को शुभ उद्देश्यों और शुभ संकल्पों के लिए तैयार करो। जो व्यक्ति सृजनात्मक, रचनात्मक कार्य में लग जाते हैं उन्हें दूसरों की बुराई और दोष देखने का वक़्त ही नहीं मिलता।            दुनिया में जितने भी महान व्यक्ति जो वैज्ञानिक, कलाकार, चित्रकार, कवि, साहित्यकार और वैज्ञानिक हुए वो केवल इसीलिए सफल हो पाए क्योंकि वो प्रत्येक पल अपने अनुष्ठान में सतत संलग्न रहे। आप भी संसार को बहुत कुछ दे सकते हैं। क्या दे सकते है अब ये तो आप स्वयं ही जानते हैं।     🙏 जय मां भवानी 🙏

पन्नाधाय #एक '#पुत्र #बलिदानी' #क्षत्राणी जिसका #इतिहास दबा दिया गया ...

  #पन्नाधाय #एक '#पुत्र #बलिदानी' #क्षत्राणी जिसका #इतिहास दबा दिया गया ... पन्ना खींची चौहानों के #गढ़ #गागरोन (#कोटा) के राजा शत्रुसाल #खींची (#चौहान ) की बेटी थी, पन्ना का विवाह #चित्तौरगढ़ निवासी वीर योद्धा समर सिंह #सिसोदिया से हुआ। राजा शत्रुसाल 6000 योद्धाओ के साथ राणा सांगा की ओर से खानवा के युद्ध मे बाबर से लड़े और वीरगति प्राप्त की...  गढ़ गागरोन की वीर परम्परा देख कर पन्ना खींची को महाराणा की धाय माँ नियुक्त किया गया।  बालक उदय सिंह को लेकर पन्ना केवल #कुम्भलगढ़ ही नहीं गई, अपितु #देवलगढ़, #प्रतापगढ़, #डूंगरगढ़ अनेक स्थानों पर गई, मगर किसी ने संरक्षण नहीं दिया ... अंत मे कुम्भलगढ़ के सरदार आशाशाह देपूरा ने सहर्ष संरक्षण दिया।  और भेद ना खुले इसलिए उदय सिंह को कुम्भलगढ़ छोड़ पन्ना खींची स्वयं चित्तौरगढ़ आ गई।  बाद मे पन्ना के साक्ष्य व प्रमाणिकता सिद्ध करने पर उदय सिंह को राजगद्दी पर बैठाया गया।  गढ़ गागरोन मे आज भी राजा शत्रुसाल के व पन्ना खींची के वंशज है व इसी तरह चित्तौरगढ़ मे समर सिंह के वंशज है .....  पन्ना खींची के पितापक्ष व पतिपक्ष दोनों की वंशावली प्राप्त की जा सकती है, द

वृद्धाआश्रम में माँ बाप ये # कड़वा_सच पढ़ें और समझें, बस इतनी प्रार्थना ..।

  एक वकील साहब ने अपने बेटे का रिश्ता तय किया.... कुछ दिनों बाद, वकील साहब होने वाले समधी के घर गए तो देखा कि होने वाली समधन खाना बना रही थीं। सभी बच्चे और होने वाली बहू टी वी देख रहे थे। वकील साहब ने चाय पी, कुशल जाना और चले आये। एक माह बाद, वकील साहब समधी जी के घर, फिर गए। देखा, भावी समधन जी झाड़ू लगा रहीं थी, बच्चे पढ़ रहे थे और होने वाली बहू सो रही थी। वकील साहब ने खाना खाया और चले आये। कुछ दिन बाद, वकील साहब किसी काम से फिर होने वाले समधी जी के घर गए !! घर में जाकर देखा, होने वाली समधन बर्तन साफ़ कर रही थी, बच्चे टीवी देख रहे थे और होने वाली #बहू खुद के हाथों में नेलपेंट लगा रही थी। वकील साहब ने घर आकर, गहन सोच-विचार कर लड़की वालों के यहाँ खबर पहुचाई, कि हमें ये रिश्ता मंजूर नहीं है" ...कारण पूछने पर वकील साहब ने कहा कि, "मैं होने वाले समधी के घर तीन बार गया !! तीनों बार, सिर्फ समधन जी ही घर के काम काज में व्यस्त दिखीं। एक भी बार भी मुझे होने वाली बहू घर का काम काज करते हुए नहीं दिखी। जो बेटी अपने सगी माँ को हर समय काम में व्यस्त पा कर भी उन की मदद करने का न सोचे, उम्र द

जानते हो ये पोलेंड वाले जाम नगर के महाराजा दिग्विजयसिंह जाडेजा के नामपर क्यो शपथ ले रहे है ?

 दूसरे विश्व युद्ध के समय, पोलेंड पुरी तरह तबाह हो गया था, सिर्फ औरते और बच्चे बचे थे बाकी सब वहां के पुरुष युद्ध मे मारे गए थे, पोलेंड की स्त्रियों ने पोलेंड छोड़ दिया क्योंकि वहां उनकी इज्जत को खतरा था, तो बचे खुचे लोग और बाकी सब महिलाए व बच्चे से भरा जहाज लेकर निकल गए, लेकिन किसी भी देश ने उनको शरण नही दी, फिर यह जहाज भारत की तरफ आया वहां गुजरात के जामनगर के तट पर जहाज़ रुका, तब वहां के राजा जाम दिग्विजयसिंह जाडेजा उनकी दिन हीन हालत देखकर उन्हे आश्रय दिया। न केवल आश्रय दिया अपितु उनके बच्चों को आर्मी की ट्रेनिग दी, उनको पढ़ाया, लिखाया, बाद मे उन्हें हथियार देकर पोलेंड भेजा जहा उन्होंने जामनगरसे मिली आर्मी की ट्रेनिग से देश को पुनः स्थापित किया, आज भी पोलेंड के लोग उन्हें अन्नदाता मानते है, उनके संविधान के अनुसार जाम दिग्विजयसिंह उनके लिए ईश्वर के समान है। इसीलिए उनको साक्षी मानकर आज भी वहां के नेता संसद में शपथ लेते है। यदि भारत मे दिग्विजयसिंहजी का अपमान किया जाए तो यहां की कानून व्यवस्था में सजा का कोई प्रावधान नही लेकिन यही भूल पोलेंड में करने पर तोप के मुह पर बांधकर उड़ा दिया जाता ह

साड़ियों में ये लड़कियाँ हाथ में बंदूक़ लेकर भारत चीन का गौरवशाली इतिहास लिखने चल पड़ीं।

  भारत-चीन १९६२ युद्ध की झलक :-  जब भारतीय सेना ने चीन से एक अपना राज्य गँवा दिया था तब साड़ियाँ पहने - भारतीय होमगार्ड की लड़कियों ने राइफल्स उठाई और शक्तिशाली पीएलए का सामना करने का फ़ैसला किया !!  साड़ियों में ये लड़कियाँ हाथ में बंदूक़ लेकर भारत चीन का गौरवशाली इतिहास लिखने चल पड़ीं।  यह कहानी आधे से ज़्यादा भारतीयों को पता ही नहीं है।  तेज़पुर में भारतीय होमगार्ड की इन लड़कियों ने बंदूक़ें उठाई, चीन की सेना का सामना करने का निर्णय लिया और युद्ध विराम तक लड़ीं !!  इन महिलाओं ने दिखाया कि अगर देश में युद्ध की स्थिति हो तो महिलाएँ भी पुरुषों से कम नहीं हैं !! किंतु हमारे देश के वामपंथी इतिहासकारों ने इस पराक्रम को हमारे पाठ्यक्रम में कोई स्थान नहीं दिया !! सैल्यूट है भारत की नारी शक्ति को...

सूर्यास्त के समय एक बार सूर्य ने सबसे पूछा, मेरी अनुपस्थिति में मेरी जगह कौन कार्य करेगा??

  जैसे जैसे मेरी उम्र में वृद्धि होती गई, मुझे समझ आती गई कि अगर मैं Rs. 300 की घड़ी पहनूं या Rs. 30000 की, दोनों समय एक जैसा ही बताएंगी। मेरे पास Rs. 300 का बैग हो या Rs. 30000 का, इसके अंदर के सामान में कोई परिवर्तन नहीं होंगा। मैं 300 गज के मकान में रहूं या 3000 गज के मकान में, तन्हाई का एहसास एक जैसा ही होगा। आख़िर में मुझे यह भी पता चला कि यदि मैं बिजनेस क्लास में यात्रा करूं या इक्नामी क्लास में, अपनी मंजिल पर उसी नियत समय पर ही पहुँचूँगा। इसीलिए, अपने बच्चों को बहुत ज्यादा अमीर होने के लिए प्रोत्साहित मत करो बल्कि उन्हें यह सिखाओ कि वे खुश कैसे रह सकते हैं और जब बड़े हों, तो चीजों के महत्व को देखें, उसकी कीमत को नहीं। फ्रांस के एक वाणिज्य मंत्री का कहना था - ब्रांडेड चीजें व्यापारिक दुनिया का सबसे बड़ा झूठ होती हैं, जिनका असल उद्देश्य तो अमीरों की जेब से पैसा निकालना होता है, लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग लोग इससे बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। क्या यह आवश्यक है कि मैं Iphone लेकर चलूं फिरू, ताकि लोग मुझे बुद्धिमान और समझदार मानें?? क्या यह आवश्यक है कि मैं रोजाना Mac'd या KFC मे

गोरा और बादल चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के महान योद्धाओं में से एक थे

 गोरा और बादल चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के महान योद्धाओं में से एक थे, जो चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के रावल रतन सिंह के बचाव के लिए बहादुरी से लड़े थे  गोरा ओर बदल दोनों चाचा भतीजे जालोर के चौहान वंश से सम्बन्ध रखते थे  छल द्वारा 1298 में अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के शाशक रावल रतन सिंह को कैदी बना दिया था  फिरौती में खिलजी ने, चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के रावल रतन सिंह कि पत्नी रानी पद्मिनी कि माँग कि थी  यह सब होने के बाद रानी पद्मिनी ने एक युद्ध परिषद आयोजित की जिसमे रावल रतन सिंह को बचाने कि योजना बनाई गयी  रावल रतन सिंह को बचाने का जिम्मा गोरा ओर बादल को दिया गया  गोरा ओर उसके भतीजे बादल को अलाउद्दीन खिलजी के पास दूत बना कर भेजा गया ओर संदेश पहुँचाया गया कि रानी पद्मिनी को खिलजी को सोप दिया जयेगा अगर खिलजी अपनी सेनाये चित्तौड़गढ़ मेवाड़ से हटा दे, पर एक शर्त यह है कि जब रानी पद्मिनी को खिलजी को सोपा जयेगा तब रानी पद्मिनी कि दसिया ओर सेवक 50 पालकियो में साथ होगी  जब रानी पद्मिनी को खिलजी को सोपा जा रहा था तो हर एक पालकि में 2 अच्छे अच्छे राजपूत योधा को बिठाया गया  जब रानी पद्मिनी कि पालकि जि

इतिहासारो के ये प्रमाण सिद्ध करते हैं, कि #हल्दीघाटीकायुद्ध अकबर ने नहीं बल्कि #महाराणा__प्रताप ने जीता था 🚩🚩

  इतिहासारो के ये प्रमाण सिद्ध करते हैं, कि #हल्दीघाटीकायुद्ध अकबर ने नहीं  बल्कि #महाराणा__प्रताप ने जीता था 🚩🚩                      कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास का सबसे चर्चित #हल्दीघाटीयुद्ध मुगल सम्राट #अकबर ने नहीं बल्कि #महाराणा_प्रताप ने जीता था।          इसी के मद्देनज़र अब राजस्थान सरकार 16वीं शताब्दी के इतिहास को बदलने की तैयारी में है। राजस्थान सरकार बाकायदा इसकी तैयारी कर चुकी है । क्योंकि अब इसपर गहनता से रिसर्च किया गया है, जिसमें सामने आया है कि अकबर हल्दीघाटी का युद्ध हार गया था, महाराणा प्रताप अपने बेहतरीन युद्ध कौशल से युद्ध जीत गये थे ।  1. #इतिहासकारका__दावा - अब आपको बता दें कि ये मुद्दा इतिहासकार डॉ। चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा लिखी गई एक किताब जिसका नाम ‘राष्ट्र रतन महाराणा प्रताप’ है में लिखे हुए शोधों को आधार बनाकर उठाया गया है।        ये किताब 2007 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब को दिल्ली के Aryavrat Sanskriti Sansthan द्वारा प्रकशित करवाया गया था। इतिहासकार डॉ। चन्द्रशेखर शर्मा ने अपने शोध और सबूतों के साथ महाराणा प्रताप को इस युद्ध

23-24 फरवरी की अर्द्धरात्रि, 1568 ई. "453 वर्ष पूर्व हुआ था चित्तौड़ का तीसरा जौहर"

  "453 वर्ष पूर्व आज ही के दिन हुआ था चित्तौड़ का तीसरा जौहर" 23-24 फरवरी की अर्द्धरात्रि, 1568 ई. इस जौहर का नेतृत्व रावत पत्ता चुण्डावत की पत्नी फूल कंवर जी ने किया ये जौहर दुर्ग में 3 अलग-अलग स्थानों पर हुआ - 1) रावत पत्ता चुण्डावत के महल में 2) साहिब खान जी के महल में 3) ईसरदास जी के महल में (फोटो में रावत पत्ताजी का महल दिखाया गया है, जो अब तक काला है) अबुल फजल लिखता है "हमारी फौज 2 दिन से भूखी-प्यासी होने के बावजूद सुरंगों को तैयार करने में लगी रही। इसी दिन रात को अचानक किले से धुंआ उठता नजर आया। सभी सिपहसालार अंदाजा लगाने लगे कि अंदर क्या हुआ होगा, तभी आमेर के राजा भगवानदास ने शहंशाह को बताया कि किले में जो आग जल रही है, वो जौहर की आग है और राजपूत लोग केसरिया के लिए तैयार हैं, सो हमको भी तैयार हो जाना चाहिए" रावत पत्ता चुण्डावत की आंखों के सामने उनकी माता सज्जन कंवर, 9 पत्नियों, 5 पुत्रियों व 2 छोटे पुत्रों ने जौहर किया। दुर्ग में जौहर करने वाली कुछ प्रमुख राजपूत वीरांगनाओं के नाम इस तरह हैं - > रानी फूल कंवर :- इन्होंने चित्तौड़ के तीसरे जौहर का नेतृत्व कि